Small Entrepreneur Business: आज का युवा वर्ग पारंपरिक नौकरी की सीमाओं से बाहर निकलकर स्वरोजगार की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। वर्तमान समय में अधिकतर युवा किसी संस्था या कार्यालय में कार्य करने के बजाय स्वतंत्र व्यवसाय की स्थापना करना पसंद कर रहे हैं। इसी दिशा में सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने हेतु अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं प्रारंभ की हैं। इन योजनाओं का मूल उद्देश्य नागरिकों को स्वरोजगार के प्रति प्रोत्साहित करना और उन्हें आवश्यक वित्तीय मदद उपलब्ध कराना है।
इन्हीं महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है लघु उद्यमी सहायता कार्यक्रम, जो उन इच्छुक व्यक्तियों के लिए अत्यंत लाभदायक साबित हो रहा है जो सीमित धनराशि अथवा संसाधनों के अभाव में अपना व्यापार प्रारंभ करने में असमर्थ रहते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम स्तर के व्यवसायियों को न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाता है।
लघु उद्यमी सहायता कार्यक्रम की संरचना
यह योजना एक विशेष सरकारी वित्तीय सहायता कार्यक्रम है जिसका प्राथमिक लक्ष्य छोटे व्यवसायियों, शिल्पकारों, स्वरोजगार अपनाने वाले व्यक्तियों तथा बेरोजगार युवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इसके अंतर्गत वे अपना नया व्यापार शुरू कर सकते हैं अथवा पहले से संचालित व्यवसाय का विस्तार कर सकते हैं।
केंद्र एवं राज्य सरकारें संयुक्त रूप से इस योजना के अंतर्गत जरूरतमंद आवेदकों को बिना किसी जमानत के ऋण सुविधा प्रदान करती हैं। प्रत्येक प्रदेश में ऋण की राशि एवं ब्याज दरों में थोड़ा अंतर हो सकता है, परंतु सामान्यतः यह कार्यक्रम ₹10,000 से लेकर ₹10 लाख तक का ऋण उपलब्ध कराता है।
इस कार्यक्रम में ब्याज दर 3% से 8% के मध्य निर्धारित की गई है, और अनेक प्रदेशों में सरकारी स्तर पर 25% से 35% तक की अनुदान राशि भी प्रदान की जाती है। ऋण वापसी की समयावधि 3 वर्ष से 7 वर्ष तक रखी गई है, जो व्यवसाय की प्रकृति पर निर्भर करती है।
योजना के मुख्य उद्देश्य एवं लाभ
इस महत्वपूर्ण योजना का सर्वप्रमुख उद्देश्य देश के युवाओं एवं छोटे व्यापारियों को आत्मनिर्भर बनाना है। भारतवर्ष में बड़ी संख्या में ऐसे प्रतिभाशाली लोग हैं जिनके पास व्यवसाय संचालन का कौशल तो विद्यमान है, किंतु पूंजी के अभाव में वे अपना व्यापार आरंभ नहीं कर पाते। यह योजना उन्हें आवश्यक वित्तीय आधार प्रदान करती है।
योजना के प्रमुख लाभ:
बिना जमानत के ऋण प्राप्ति की सुविधा उपलब्ध है। न्यूनतम ब्याज दर पर वित्तीय सहायता मिलती है। महिला उद्यमियों एवं समाज के कमजोर वर्गों को विशेष प्राथमिकता दी जाती है। राज्य सरकारों द्वारा 25% से 35% तक अनुदान राशि प्रदान की जाती है। पूर्णतः ऑनलाइन एवं सरल आवेदन प्रक्रिया उपलब्ध है। स्वरोजगार के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलता है।
विभिन्न प्रदेशों ने इस कार्यक्रम के अपने संस्करण लागू किए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा हरियाणा प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मुद्रा योजना भी इसी श्रेणी का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जो वर्ष 2015 से संचालित है।
आवेदन की चरणबद्ध प्रक्रिया
इस लाभकारी योजना का फायदा प्राप्त करने हेतु इच्छुक उम्मीदवारों को ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करना आवश्यक है। आवेदन प्रक्रिया को अत्यंत सरल एवं पारदर्शी बनाया गया है।
आवेदन के चरण:
सर्वप्रथम संबंधित राज्य सरकार अथवा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। मोबाइल नंबर एवं आधार कार्ड की सहायता से पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। अपनी व्यक्तिगत जानकारी, व्यवसाय का विवरण तथा बैंक खाते की जानकारी दर्ज करनी होगी। आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, फोटोग्राफ, व्यवसाय प्रस्ताव, बैंक पासबुक की प्रति, जाति प्रमाण पत्र (यदि आवश्यक हो) अपलोड करने होंगे। सम्पूर्ण विवरण भरने के उपरांत आवेदन पत्र सबमिट करना होगा। बैंक अथवा संबंधित विभाग द्वारा आवेदन की समीक्षा की जाएगी, और स्वीकृति के पश्चात ऋण राशि सीधे बैंक खाते में हस्तांतरित कर दी जाएगी।
आवेदन सबमिट करने के बाद आवेदक को एक विशिष्ट आवेदन संख्या प्रदान की जाती है, जिसे भविष्य में संदर्भ हेतु सुरक्षित रखना अत्यावश्यक है।
प्रमुख प्रश्नोत्तर
अधिकतम कितनी राशि का ऋण मिल सकता है? इस योजना के अंतर्गत आवेदक को अधिकतम ₹10 लाख तक का ऋण प्राप्त हो सकता है, जो व्यवसाय के स्वरूप एवं आवश्यकता के अनुसार निर्धारित होता है।
क्या जमानत देनी आवश्यक है? नहीं, इस योजना में बिना किसी जमानत के ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जिससे नवीन उद्यमियों को किसी प्रकार की वित्तीय बाधा का सामना नहीं करना पड़ता।
ब्याज दर कितनी होती है? ऋण पर ब्याज दर लगभग 3% से 8% के बीच रहती है, जो विभिन्न राज्यों एवं योजनाओं के अनुसार परिवर्तित हो सकती है।
क्या महिला उद्यमी भी लाभान्वित हो सकती हैं? निश्चित रूप से, महिलाओं को इस योजना में विशेष प्राथमिकता प्रदान की जाती है ताकि वे आत्मनिर्भर बनकर अपने व्यवसाय की नींव रख सकें।
यह योजना देश के करोड़ों युवाओं एवं इच्छुक उद्यमियों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं। सरकार द्वारा प्रदान की जा रही यह सहायता न केवल व्यक्तिगत विकास में सहायक है, बल्कि राष्ट्र के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है।